मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस अब आमने-सामने आ गई हैं। शिवराज सरकार ने प्रदेश में निवास कर रहे करीब 30 हजार से ज्यादा किन्नरों को ओबीसी वर्ग में शामिल किए जाने पर सवाल खड़े कर दिए हैं। किन्नर समाज ने भी इस फैसले पर अपना विरोध दर्ज कराया है। जानकारी के अनुसार ओबीसी वर्ग में शामिल किए जाने पर किन्नर समाज ने सरकार से दूरी बना रखी थी, लेकिन भोपाल के मंगलवारा में निवास कर रहे किन्नरों की गुरु सुरैया ने बताया कि जब सरकार ने हमें थर्ड जेंडर में जोड़ा तब भी हमसे नहीं पूछा।
अब सरकार ने हमें ओबीसी वर्ग में जोड़ा तब भी हमसे नहीं पूछा गया। हमारे यहां लोग सभी जाति समाज वर्ग से आते हैं और हमें ओबीसी समाज में जोड़ दिया गया। सुरैया ने बताया कि सरकार किन्नरों से ध्यान हटाकर दूसरी तरफ ध्यान दे। किन्नर आज से नहीं राजा महाराजा के पहले से हैं। किन्नरों ने कभी सरकार से कोई मांग नहीं की है चाहे नौकरी हो या पेंशन।
किन्नरों ने अब सरकार से मांग करते हुए कहा कि दूसरे राज्यों में राज्यमंत्री का दर्जा (minister of state status) दिया गया है। अगर कुछ देना है तो प्रदेश में बोर्ड बनाकर पद दिया जाए। अगर सरकार को इस वर्ग में रखना है तो हमें सभी विधानसभा सीटों पर प्रतिनिधित्व करने दें। आपको बता दें कि प्रदेश के मुखियां शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी ट्रांसजेंडर्स को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ देने की घोषणा की है। किन्नरों को यह लाभ ओबीसी वर्ग को मिलने वाले आरक्षण में से दिया जाएगा।