एक भी स्कूल बंद किया तो सड़कों पर होगा मुकाबला – डाॅ. विक्रांत भूरिया
भोपाल। मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश की जनविरोधी शिवराज सरकार प्रदेश के आदिवासियों को शिक्षा से वंचित रखने का षड्यंत्र रच रही है यही कारण है कि राज्य सरकार प्रदेश के जनजाति बाहुल्य जिलों के पौने 6 हजार स्कूल बंद करने का प्रयास कर रही है।
भूरिया ने कहा कि युवक कांग्रेस के आव्हान पर भाजपा की इस आदिवासी विरोधी साजिश का प्रदेश के नौजवान पुरजोर विरोध करेंगे। यदि जरूरत पड़ी पूरे प्रदेश का वंचित समाज सड़कों पर उतर कर भाजपा की घृणित मानसिकता को बेनकाब करेगा।
भूरिया ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी है जिसने अपनी सरकारों के दौरान शिक्षा की गारंटी जैसे कानून लाकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के परिवारों के 25 से 40 बच्चों के स्कूल जाने योग्य होने पर टोले-मंजरों तक में हजारों स्कूल खोले थे और शिक्षा का लोक व्यापीकरण किया था। ये कांग्रेस पार्टी थी जिसने आदिवासियों के लिये प्रदेश में आदिवासी शिक्षा विभाग खोलकर हजारों प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले थे। गरीब आदिवासी परिवारों के बच्चों के लिये आश्रम और छात्रावास खोलकर उन्हे मुख्य धारा में लाने का कार्य किया।
दूसरी तरफ कार्पोरेट घरानों का हित साधने वाली भाजपा है जिसकी कोरोना काल में जनमत चोरी करके अनैतिक सरकार बनाई और अब 5760 स्कूलों को बंद करने की कोशिश कर रही है। यही भाजपा का असली दलित विरोधी चेहरा है। मुख्यमंत्री का बेटा अमेरिका में पढे़गा पर गरीब आदिवासियों के बच्चे अपने टोले, मंजरे और गांवों में भी नहीं पढ़ सकते। यह आदिवासियों को शिक्षा से दूर रखने का निंदनीय कृृत्य है। हम इसका सड़क से लेकर संसद तक विरोध करेंगे।
भूरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में करीब 40 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की है। इन वर्गों ने पूरा समर्थन देकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाई थी।
भाजपा के अरबों रूपये के सरकार गिराने के खेल में बिसाहू लाल सिंह को छोड़कर एक भी आदिवासी विधायक नहीं फंसा। इस प्रदेश के गरीब आदिवासी विधायकों ने अपना जमीर जिंदा रखा और कांग्रेस पार्टी के प्रति वफादार बने रहे तभी से शिवराज सिंह की आंखों में आदिवासी समुदाय खटक रहा है। यही कारण है कि शिवराज और भाजपा आदिवासियों के भविष्य को चैपट करने के लिये युक्तियुक्तकरण करने के नाम पर पौने छः हजार स्कूल बंद करने की चाल चल रही है।
डाॅ. भूरिया ने भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि मालवा और महाकौशल के आदिवासी अंचल मे चलने वाला एक भी स्कूल यदि बंद करने की कोशिश की तो प्रदेश के तीन करोड़ अनुसूचित जाति, जनजाति के लोग सड़कों पर उतर कर सरकार के कुत्सित प्रयास का सीधा विरोध करेंगे। यह सरकार पहले से ही स्वरोजगार योजनाएँ बंद कर युवाओं के स्व-रोजगार पर डाका डाल रही है। सरकारी भर्तियाँ बंद है, 40 लाख युवा बेरोजगार है। दस लाख युवा ओवरएज हो गये है। ऊपर से इस गोड़वाना प्रदेश में आदिवासियों की शिक्षा रोककर राजनैतिक बदला लेने की हिमाकत की जा रही है।
डाॅ. भूरिया ने प्रदेश के सभी वंचित वर्ग से आव्हान किया है हमारी आदर्श सविता बाई फुले, डाॅ. भीमराव अम्बेडकर और बिरसा मुंडा की तरह शोषण का खुला विरोध करने के लिये तैयार रहें ताकि कोई हमारी शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त न कर सके।