भोपाल। राजधानी की विशेष अदालत ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा लगाए गए मानहानि के मामले में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह पर आरोप तय किए हैं। दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 500 के तहत भाजपा नेता द्वारा दायर एक मामले में मानहानि का आरोप लगाया है। सिंह पर 2013 में मध्यप्रदेश को हिलाकर रख देने वाले व्यापम घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई एक जुलाई के लिए स्थगित कर दी।
दरअसल साल 2014 में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान विष्णुदत्त शर्मा को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। दिग्गी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि वीडी शर्मा एबीवीपी के महामंत्री रहे हैं। साथ ही सिंह ने उन पर आरोप लगाया था कि शर्मा ने व्यापमं घोटाले में बिचौलिये का काम किया है, जिसके चलते शर्मा ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था।
पूर्व सीएम के बयान के आधार पर वीडी शर्मा ने कहा था कि दिग्विजय सिंह के इस बयान को आम लोगों ने पढ़ा और सुना है, जिससे उनकी छवि खराब हुई है। इसके बाद विष्णुदत्त शर्मा ने 17 जुलाई 2014 को भोपाल कोर्ट में दिग्विजय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। एमपी एमएलए कोर्ट ने दिसंबर 2022 में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ धारा 500 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया था, हालांकि इस मामले में दिग्विजय सिंह फिलहाल जमानत पर हैं।
एडवोकेट अशोक विश्वकर्मा ने बताया कि दिग्विजय सिंह कोर्ट में पेश नहीं हुए थे, इसलिए उनके वकील के माध्यम से आरोप तय किए गए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी। उन्होंने आगे कहा कि व्यापम मामले में जो आरोप दिग्विजय सिंह ने लगाए थे उस पर किसी एजेंसी ने वीडी शर्मा से पूछताछ तक नहीं की है। एमपी एमएलए कोर्ट ने दिसंबर 2022 में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ धारा 500 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया था।