कांग्रेस के मोदी विरोधी सुर में चंद्रबाबू का राग: कहा खतरे में है लोकतंत्र

तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एवं आँध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कांग्रेस के मोदी विरोधी सुर में अपना राग भी जोड़ दिया है। नायडू ने कहा कि आयकर विभाग तेलगुदेशम पार्टी के नेताओं और करीबी उद्योगपतियों को निशाना बना रही है। आयकर विभाग की 19 टीमें पांच अक्टूबर को आंध्रपदेश भेजी गईं। नायडू ने कहा कि देश में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता खतरे में है।

साढ़े चार साल तक मोदी का समर्थन करते रहे हैं चंद्रबाबू

आंध्रपदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू कुछ माह पहले तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा थे। आंध्रप्रदेश को स्पेशल पैकेज के मुद्दे पर नायडू ने अपने आपको एनडीए से अलग कर लिया था। नायडू का आरोप है कि एनडीए से अलग होने के बाद ही केन्द्र सरकार की विभिन्न जांच एजेंसियां आंध्रप्रदेश में सक्रिय हो गईं हैं।

नायडू ने सवाल किया कि क्या इससे पहले आंध्रप्रदेश में कर चोरी नहीं होती थी। केन्द्र से समर्थन वापस लेने के बाद ही क्या कर चोरी होने लगी? तेदेपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने हर राज्य में यही नीति अपनायी है। वह विपक्षी नेताओं के साथ विपक्षी दलों को चंदा देने वाले उद्योगपतियों को भी निशाना बना रही है। उन्होंने सवाल किया – क्या यह लोकतंत्र है? सीबीआई में शीर्ष स्तर पर जारी संघर्ष को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने संस्थानों को धराशायी कर दिया है। अधिकतर महत्वपूर्ण संस्थानों के प्रमुख गुजरात या गुजरात कैडर के हैं।

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अशोक गहलोत ने पुराने कांग्रेसियों से की पार्टी में लौट आने की अपील

चंद्रबाबू नायडू के बयान के साथ ही एक बयान कांग्रेस मुख्यालय से भी आया। यह बयान कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत का है। इस बयान में गहलोत ने कहा कि देश में लोकतंत्र और संविधान खतरे में हैं। गहलोत ने पार्टी छोड़कर जा चुके नेताओं से अपील की है कि वे कांग्रेस पार्टी में अब वापस लौट आएं। तारिक अनवर की वापसी के बाद कांग्रेस यह उम्मीद कर रही है कि कुछ और लोग पार्टी में वापस आ सकते हैं।

गहलोत ने कहा कि देश गहरे संकट में हैं इसलिये सभी को आपसी मतभेद भूलकर एकजुट हो जाना चाहिए। सभी नेताओं को आपसी मतभेदों को भुलाकर देश सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोगों का लोकतंत्र, लोकतांत्रिक संस्थाओं तथा संविधान में कोई यकीन नहीं है इसलिये ये आवश्यक है कि समय-समय पर विभिन्न कारणों से कांग्रेस से अलग हुए लोग वापस आयें और देश को बचायें। सीबीआई का उदाहरण देते हुए गहलोत बोले सत्ता में ऐसे लोग काबिज हो गये हैं जो संवैधानिक संस्थाओं को ध्वस्त करने मे जुटे हैं और उनकी स्वायत्तता खत्म कर रहे हैं।

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