Newbuzzindia: अंतत: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को पटेल आरक्षण आंदोलन के अगुआ हार्दिक पटेल के आगे झुकना पड़ा। गुजरात सरकार ने पाटीदारों सहित आर्थिक रूप से पिछड़े समान्य वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला कर लिया है।
गुजरात सरकार के इस फैसले का असर उन राज्यों पर पड़ सकता है, जहां कि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को भी आरक्षण दिए जाने की मांग की जा रही है। गुजरात सरकार ने छह लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को आरक्षण के दायरे में शामिल किया है।
यह निर्णय पार्टी की राज्य इकाई के कोर ग्रुप की बैठक में लिया गया जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हुए। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब पार्टी स्थानीय निकाय के हाल के परिणामों के कारण चिंतित है।
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस निर्णय से उच्चतम न्यायालय द्वारा तय की गई 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा का उल्लंघन होगा लेकिन राज्य सरकार ने कहा कि वह इस मुददे को लेकर गंभीर है और इसके लिए कानूनी रूप से लड़ेगी।
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष विजय रूपानी ने सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की। घोषणा के समय मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल और वरिष्ठ मंत्री नितिन पटेल भी मौजूद थे।
रूपानी ने संवाददाताओं से कहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में कोर ग्रुप की हमारी बैठक में सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछडे़ लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का फैसला किया गया। यद्पि हार्दिक पटेल के संघठन ने इस योजना को ख़ारिज कर दिया ।
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