Newbuzzindia: इटली की एक अदालत ने 2010 में हुए वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में अनियमितता की बात मानते हुए इंडियन एयर फोर्स के पूर्व चीफ को भ्रष्टाचार का दोषी पाया है। इटली की एक अदालत ने कहा कि इस मामले में तर्कसंगत आधार पर माना जा सकता है कि भ्रष्टाचार हुआ और यह बात साबित हुई है कि 1-1.5 डॉलर का एक हिस्सा अवैध फंड के तौर पर भारतीय अधिकारियों तक पहुंचा।
कोर्ट ने अपने फैसले में भारत के पांच नेताओं के नाम का भी जिक्र किया है। इसमें कुछ नाम टॉप कांग्रेस नेताओं के हैं। इटली कोर्ट के इस फैसले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला है। अब संसद में भी इस मामला गूंज सकता है। बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी इस पर चर्चा के लिए नोटिस दे सकती हैं।
इटली कोर्ट के इस फैसले पर बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि उनकी पार्टी ने चार साल पहले इस माामले को उठाया था। कैग ने भी इस पर सवाल खड़ा किया था। अब इटली के कोर्ट के फैसले से करप्शन की बात साफ हो गई है। उन्होंने कहा कि इटली के कोर्ट के इस फैसले के बाद अब इस मामले की की जांच होनी चाहिए।
वहीं, कांग्रेस की तरफ से आनंद शर्मा ने इस पर सफाई दी है। शर्मा ने कहा कि यूपीए सरकार ने इस पर ऐक्शन लिया था। तत्कालीन रक्षा मंत्री ऐंटनी ने दोनों सदनों में बयान दिया था। ईडी और सीबीआई द्वारा मामले की जांच शुरू की गई थी। आनंद शर्मा ने कहा कि बीजेपी इस मामले पर स्मृतिलोप की शिकार है।
बता दें कि मिलान कोर्ट ऑफ अपील्स के 223 पेज के फैसले में 17 पेज का अलग चैप्टर है, जिसका शीर्षक है- मार्शल शशि त्यागी का भ्रष्ट होना। इसमें उन बातों और सबूतों का जिक्र है, जिस आधार पर अदालत ‘भारतीय अफसर’ के भ्रष्टाचार में शामिल होने के नतीजे पर पहुंची।
कोर्ट ने कहा, ‘वीवीआईपी हेलिकॉप्टर्स डील के लिए ऑगस्टावेस्टलैंड के पक्ष में पैसे की खातिर मार्शल शशि त्यागी के दखल देने की बात साबित होती है।’
एयर फोर्स के पूर्व चीफ ने हमेशा इस मामले में अपनी बेगुनाही की बात कही। त्यागी इटैलियन कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे और फिलहाल इस मामले में सीबीआई और ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं।
इटैलियन कोर्ट ने अपने ऑर्डर में कहा कि त्यागी फैमिली को कैश के अलावा वायर ट्रांसफर भी किए गए। कोर्ट के मुताबिक, कुछ हिस्सा एयर चीफ के रिश्तेदारों को पहुंचा, जबकि कुछ खुद त्यागी को दिया गया। त्यागी 2005 से 2007 के दौरान एयर फोर्स के चीफ थे। इस दौरान वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला हुआ था। दरअसल, हेलिकॉप्टर डील की प्रोसेसिंग एयर फोर्स हेडक्वॉर्टर से ही हुई थी।
अदालत ने कहा कि इस मामले में त्यागी कनेक्शन को छिपाने की कोशिश की गई और यहां तक कि डील के बिचौलियों ने संभावित सबूतों को भी खत्म करने का प्रयास किया। अदालत के ऑर्डर में कहा गया, ‘इससे जुड़ी बातचीत के विश्लेषण के आधार पर हमें एक भारतीय अफसर के भ्रष्टाचार के बारे में पता चला, जिसकी पहचान त्यागी बंधुओं के रिश्तेदार के तौर पर हुई।
इस सिलसिले में हुई बातचीत का कंटेंट इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्त है कि भ्रष्टाचार हुआ।’ इटैलियन कोर्ट ने इंडियन सीएजी रिपोर्ट के अलावा मार्च 200 में बिचौलियों के बीच हुई बातचीत का हवाला दिया।
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