संघ के वरिष्ट नेता भैयाजी जोशी ने मुंबई में दीनदयाल उपाध्याय रिसर्च इन्स्टीट्यूट में भाषण के दौरान विवादित बयान देते हुए भगवा झंडे को राष्ट्रध्वज तिरंगे का दर्जा दिया और कहा कि जन गण मन से वह भाव पैदा नहीं होता जो वंदे मातरम से पैदा होता है। जनगणमन बाद में बना, हमें जन गण मन को सम्मान देना चाहिए।
भैयाजी जोशी ने आगे कहा कि भाईयों जैसे रहने के लिए भारत माता की जय बोलना जरूरी है, जो भारत की भोगभूमि मानते हैं वो भारत माता की जय नहीं करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि ‘भगवे ध्वज को राष्ट्र ध्वज मानना ग़लत नहीं है।
भैया जी जोशी ने आगे कहा की तीरंगा बाद में बना। उन्होंने कहा कि भारत माता की जय इसलिए बोलना है कि इससे पूरे देश के तमाम बांधवों के प्रति भातृभाव रहेगा। तमाम भाई होंगे। उन्होंने कहा कि हम गुलगुले है इसकी यह गुलसीता हमारा यह गाना हमें मंजूर नहीं, क्योंकि यदि यह गुलसीता मीट गया तो भी हम यहीं रहेंगे।
उन्होंने कहा कि जब सांप्रदायिकता फैली तब सैक्युलरीजम की भावना बनी। भारत मे सैक्युलरीजम की आवश्यकता नहीं क्योंकि वह बीन सांप्रदायीक है। इन बयानों के बाद राजनीति गलियारे में आपाधापी की स्थिति है।
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