राज्यसभा में भाजपा ने बड़ाई रफ़्तार, कांग्रेस से अब सिर्फ 5 कदम दूर !

Newbuzzindia: राज्यसभा के दो वर्ष पर होने वाले चुनाव में इस साल 55 सीटों के लिए चुनाव होना है। इनमें 17 पर भाजपा की जीत तय है। भाजपा अतिरिक्त मतों के जरिए कुछ और सीटें जीतना चाहती है। भाजपा के पास 15 में से पांच राज्यों में कुछ अतिरिक्त मत हैं। राज्यसभा के लिए 11 जून को मतदान होना है। भाजपा की कोशिश उच्च सदन में अपना न केवल संख्या बल बढ़ाने बल्कि यह भी सुनिश्चित करने की है कि कांग्रेस कोई भी अतिरिक्त सीट नहीं जीत पाए। राज्यसभा में जीएसटी विधेयक सहित कई विधेयकों पर कांग्रेस ने अड़ंगा लगा रखा है।

भाजपा अब तक 14 राज्यों के लिए 18 प्रत्याशियों के नाम घोषित कर चुकी है। इनमें 17 की जीत तय है। इसके अलावा केंद्र में सत्तारूढ़ यह दल झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से एक-एक सीट पर नजर गड़ाए हुए है।

झारखंड में जहां भाजपा केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की जीत को लेकर आश्वस्त है, उसने दूसरा उम्मीदवार उद्योगपति महेश पोद्दार को बनाया है। झारखंड में उनकी जीत के लिए भाजपा को जो संख्याबल चाहिए, वह नहीं है।

झारखंड की छह में से दो सीटें खाली हो रही हैं क्योंकि भाजपा के एम. जे. अकबर और कांग्रेस के धीरज साहू अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में 11 खाली सीटों के लिए 12 प्रत्याशी हैं। भाजपा एक सीट आसानी से जीत जाएगी।

यहां भाजपा के पास 41 विधायक हैं। राज्यसभा में जाने के लिए 37 मतों की जरूरत है। चार अतिरिक्त मतों के साथ भाजपा ने स्वतंत्र उम्मीदवार प्रीती महापात्रा का समर्थन किया है जो गुजरात के उद्योगपति की पत्नी हैं। उद्योगपति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जा रहा है।

हरियाणा में भाजपा के पास दो उम्मीदवारों को राज्यसभा में भेजने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है। यहां केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंदर सिंह पहले उम्मीदवार हैं, लेकिन भाजपा के पास जो अतिरिक्त वोट हैं उससे मीडिया समूह के मालिक सुभाष चंद्रा का समर्थन करने का निर्णय लिया है जो यहां से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में हैं।

मध्य प्रदेश में भाजपा ने अनिल माधव दवे और एम. जे. अकबर को उम्मीदवार बनाया है। वहां की तीन खाली सीटों में तीसरी सीट के लिए भाजपा के पदाधिकारी विजय गोटिया को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में उतारा है।

यह कदम कांग्रेस के उम्मीदवार विवेक तंखा को रोकने के लिए है। उन्हें जीत के लिए सिर्फ एक अतिरिक्त वोट चाहिए।

मध्य प्रदेश में प्रत्येक राज्यसभा की सीट के लिए 58-58 मतों की जरूरत है। भाजपा दो सीटें आसानी से जीत जाएगी जबकि तीसरे सीट के लिए भाजपा के पास 50 विधायक बचेंगे।

भाजपा की अतिरिक्त सीटें जीतने के प्रयास के बावजूद 245 सदस्यीय राज्यसभा में कांग्रेस फिर भी सबसे बड़ी पार्टी रहेगी। कांग्रेस के करीब 59 सदस्य रहेंगे जबकि बीजेपी 54 सदस्यों के साथ कांग्रेस के करीब पहुँच जाएगी। कांग्रेस से फासला कम होने के कारण अगर बीजेपी को बिल पास कराना होगा तो उसे अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ साथ क्षेत्रीय पार्टियों पर निर्भर रहना पड़ेगा। कुल मिलकर यह भी कह सकते हैं कि आने वाले समय में राज्य सभा में कांग्रेस की पॉवर कम हो जाएगी।

इस वक्त राज्य सभा की 241 सीटों में कांग्रेस के 64 जबकि बीजेपी के पास 49 सदस्य हैं, 12-12 सदस्यों के रिटायरमेंट के बाद कांग्रेस के 52 जबकि बीजेपी के 37 सांसद बचेंगे, बीजेपी की करीब 17 सीटों पर जीत तय है, मतलब पांच सीटें किसी ना किसी पार्टी से छीन ली जाएंगी, बीजेपी ने कुछ निर्दलीय विधायकों को भी समर्थन देने का मन बनाया है जिसमें से हरियाणा से जी-न्यूज मीडिया के मालिक सुभाष चंद्रा भी शामिल हैं, अगर सब कुछ सही रहा तो इस चुनाव में जहाँ बीजेपी को लाभ होगा वहीँ कांग्रेस को नुकसान होगा।

कुल मिलाकर बीजेपी ने राज्य सभा में जबरजस्त गणित भिड़ा रखा है लेकिन अंतिम नतीजा 11 जून के बाद ही आएगा।

कुल 55 सीटें जो खाली हो रही हैं, उनमें 12-12 भाजपा और कांग्रेस की हैं। 6 बसपा, 5 जनता दल यू, 3 समाजवादी पार्टी, 2 बीजू जनता दल, 3 अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIDMK), 2-2 तेलुगु देशम, DMK और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की हैं जबकि 1-1 शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल और स्वतंत्र सदस्य विजय माल्या की सीट हैं।

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