NewBuzzIndia: अमेरिका ने भारत में असहिष्णुता के बढ़ते मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे चिंता का विषय बताया है। कड़ी कार्रवाई न होने के कारण अपराधियों के बढ़ते हौसले को भी गंभीरता से लिया है। अमेरिका ने भारत सरकार से कहा है कि वे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। हर समुदाय के लोगों की सुरक्षा के उपाय किए जाएं। गोमांस का उपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर बात करते हुए अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि सभी तरह की असहिष्णुता से मुकाबला करने में हम भारत सरकार का सहयोग करेंगे।
दरअसल हाल ही में मीडिया में कुछ ऐसी खबरें आई हैं जो समुदाय विरोधी हैं। इसमें प्रशासन की चुप्पी के कारण इससे गलत संदेश गया। इसी हफ्ते मध्य प्रदेश के मंदसौर में गोमांस होने की शक में दो महिलाओं की पिटाई की गई थी। यह सब कुछ पुलिस की मौजूदगी में ये सब हुआ था। उनके पास भैंस का मांस था जबकि लोगों को शक था कि उनके पास गोमांस है। इससे पहले गुजरात में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। यहां कुछ दिनों पहले दलित युवकों पर हमला किया गया था। दलित युवकों की पिटाई मृत गाय की खाल उतारने के आरोप में की गई थी।
कुछ महीने पहले पश्चिमी यूपी के बिसाहड़ा में गौ मांस के उपयोग को लेकर दो समुदायाें में संघर्ष हुआ था। घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। महीनों तक वहां तनाव का माहौल रहा। राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाती रही।ऐसे में देश में ध्रवीकरण की राजनीति शरू होने का भी खतरा है। भारत में लोकतंत्र है और अमेरिका में भी लोकतंत्र है। ऐसे में लोकतंत्र के उलट हो रहे क्रिया कलापों पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रया व्यक्त की है।
अमेरिका ये बयान ऐसे वक्त पर आया है जब असहिष्णुता को लेकर देश में बीते दिनों खूब चर्चा हो चुकी है। कई लोगों ने देश में बढ़ती असहिष्णुता का हवाला देते हुए अपने पुरस्कार लौटा दिए थे। कई सिने अभिनेता और सेलीब्रिटी ने भी असहिष्णुता की बात की थी। अब जॉन किर्बी के भारत में असहिष्णुता की बात करने पर एक बार फर से इस बात के जोर पकड़ने के पूरे आसार हैं। बीते दिनों की तरह दुबारा लोग देश में बढ़ते असहिष्णुता की बात न शुरू कर दें। हालांकि अमेरिका का कहना है कि सहिष्णु विचारों को साकार करने के लिए दोनों देश को साथ मिलकर काम करना चाहिए। यह दोनों देशों के हित में है।