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आखिरकार महीनों और सालों से चली आ रही अटकलों और जद्दोजहद के बीच में अब प्रियंका गांधी वाड्रा का सक्रिय राजनीति में उतरना तय हुआ। उत्तर प्रदेश में 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण फैसले लिया गया है। पिछले 3 दशकों से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने लिए जमीन बनाने की कोशिश कर रही है, हालाँकि अब तक के सारे प्रयास विफल रहे हैं ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सक्रीय राजनीति में प्रियंका गांधी वाड्रा को लाना ‘तुरुप का इक्का होगा।’
इसकी तैयारी प्रियंका अभी से कर रही हैं, वो 29 जुलाई को राजधानी लखनऊ में अपने 60 हज़ार कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी। इससे पहले प्रियंका सिर्फ रायबरेली, अमेठी और सुल्तानपुर तक ही प्रचार करती थीं। लेकिन इस नए प्लान के तहत वे प्रदेश के महत्वपूर्ण विधान सभा में कांग्रेस के लिए वोट मांगती नजर आएंगी।
29 जुलाई की रैली में प्रियंका के साथ कांग्रेस के बड़े दिग्गज होंगे। इनमे राहुल गांधी, प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित, प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद और तमाम अन्य नेता मौजूद रहेंगे।
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प्रियंका गांधी का व्यक्तित्व काफी हद तक इंदिरा गांधी से मिलता है। यही कारण है कि जब भी और जहाँ भी प्रियंका प्रचार का कमान संभालती है वहां पार्टी को निश्चित तौर पर फायदा मिलता है।
मोदी नगरी वाराणसी को भेदने की तैयारी
सोनिया गांधी भी प्रदेश में प्रचार के लिए अपनी कमर कस चुकी हैं। वो अपने प्रचार की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से करेंगी। इस रैली में भारी संख्या में कार्यकर्ताओं और समर्थकों के आने की उम्मीद जताई जा रही है।
सोनिया के साथ इस रैली में प्रियंका, राहुल, शीला राज बब्बर और नेता भी शामिल होंगे।
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प्रशांत किशोर की रणनीति के तहत अभी रैली करेंगी प्रियंका
सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर ने प्रियंका की रैली का पूरा ब्लू प्रिंट तैयार किया है। जिसके मुताबिक ही प्रियंका अपनी रैली करेंगी। सूत्रों की माने तो, प्रदेश में प्रचार के लिए प्रियंका 100 रैली कर सकती हैं।