सोमवार को समन्वय भवन में आयोजित यादव महासभा में शामिल हुए मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि राज्य सरकार का नजरिया एकदम साफ है। किसान और युवा कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश के विकास के लिये नए दृष्टिकोण के साथ कृषि क्षेत्र पर ध्यान देना होगा। अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये किसान की क्रय शक्ति को बढ़ाना होगा। किसान कर्ज माफी की 55 हजार करोड़ रूपये की योजना पहले से ही तैयार थी, जिस पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। आने वाले दिनों में 35 लाख किसानों की ऋण माफी की कार्रवाई पूरी हो जायेगी। यदि आम आदमी की जिन्दगी में परिवर्तन नहीं हो रहा है, तो आर्थिक और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिये निवेश को बढ़ाना जरूरी है। मूलभूत सुविधाओं में किये गये निवेश से भी रोजगार के अनेक नये अवसर बनते हैं।
मुख्यमंत्री नाथ ने पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुभाष यादव का स्मरण करते हुए समन्वय भवन का नामकरण स्व. यादव के नाम पर करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यादव समाज का गौरवपूर्ण इतिहास है। उन्होंने यादव समाज को सांस्कृतिक क्रियाकलापों के लिए भूमि आवंटन का आश्वासन भी दिया और यादव समाज का आव्हान किया कि भारतीय आध्यात्मिक मूल्यों के संरक्षण के लिये कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की महानता का आधार उसकी संस्कृति तथा सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्य हैं। पूरी दुनिया भारत की विभिन्नताओं में एकता से प्रभावित है, सम्मान से हमारे देश की ओर देखती है। धर्म, भाषा, परम्पराओं, खान-पान और पहनावे में विभिन्नताओं वाला दुनिया का अकेला हमारा देश है। सोवियत संघ भी विभिन्नताओं वाला देश था, जो बिखर गया। हमारे देश की इस ताकत का आधार है भारतीय सामाजिक मूल्य और आध्यात्मिक सांस्कृतिक परम्पराएँ।
बता दें कि यादव महासभा में मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ ही कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री सचिन यादव, यादव महासभा के अध्यक्ष योगेन्द्र सिंह, दामोदर सिंह और वरिष्ठ सदस्य भगवान सिंह सहित अन्य जन-प्रतिनिधि, महासभा के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।