महाराष्ट्र में शिवसाना और भाजपा का साथ टूटने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग चुका है। वहीं शिवसेना अब कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाने के प्रयास में लग गई है। राष्ट्रपति शासन लगने के बाद राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त के कयास लगाए जा रहे है। जिसे रोकने के लिए एनसीपी प्रमुख ने प्लान तैयार किया है।
एनसीपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि अगर कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना का कोई विधायक टूटा तो तीनों दल मिलकर उस बागी विधायक के खिलाफ जॉईंट उम्मीदवार उतारेंगे। मुझे भरोसा है कि हम तीन दल मिलकर एक उम्मीदवार खड़ा करेंगे तो कोई माई का लाल जीत नहीं सकता।
शिवसेना और भाजपा के रिश्ते खराब होने के बाद से एनसीपी-कांग्रेस नई रणनीति बनाने में जुटी है। मुंबई में कांग्रेस-एनसीपी की प्रेस कांफ्रेंस में शरद पवार ने कहा, “हम महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव नहीं चाहते। कांग्रेस से चर्चा पूरी होने के बाद शिवसेना से बात होगी। हमें किसी तरह की जल्दबाजी नहीं है।“
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने मौजूदा हालात पर चर्चा की। शिवसेना ने पहली बार कांग्रेस और एनसीपी के साथ आधिकारिक रूप से संपर्क किया था। इतने महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर सभी बिंदुओं पर स्पष्टता होनी चाहिए। आज इसी संदर्भ में बैठक हुई। इसी मुद्दे पर आगे की नीति तय की जाएगी।