भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायतों को लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करने का फैसला लिया है। इसके लिए प्रशासन ने कलेक्टरों से पंचायतों के प्रस्ताव भी मांगे गए हैं। ऐसी पंचायतें जिनमें पिछले एक वर्ष में एक भी बाल विवाह नहीं हुआ हो। सौ प्रतिशत लाड़ली लक्ष्मियां स्कूल जाती हों। इसके अलावा पंचायत में कुपोषण की समस्या न हो और पंचायत क्षेत्र में बालिकाओं के विरुद्ध कोई भी अपराध घटित न हुआ हो। ऐसी सभी पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा।
इसके अलावा लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायतों को बेटियों की सुरक्षा, उनके सर्वांगीर्ण विकास के लिए अलग से बजट देने का प्रावधान भी किया जा रहा है। लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायत घोषित करने के लिए सरकार द्वारा पंचायतों से ही प्रस्ताव लिए जाएंगे, जिन्हें जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स के समक्ष रखा जाएगा।
समिति अच्छे-बुरे हर पहलू के आधार पर पंचायतों को लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली घोषित करेगी। दरअसल, टास्क फोर्स बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत गठित की गई है। लाड़ली लक्ष्मी फ्रेंडली पंचायत घोषित करने से पहले जिले में पंचायतवार वर्तमान लिंगानुपात की समीक्षा की जाएगी, जो प्रत्येक तीन माह में होगी। इसके अनुसार लिंगानुपात में पिछले साल की इस साल सुधार करने वाली पंचायतों को पुरस्कार दिया जाएगा। पंचायतों में बेटी के जन्म पर उत्सव मनाने के साथ ही बाल विवाह को लेकर भी जागरूक किया जाएगा।