देश की तगातार कमजोर होती अर्थव्यवस्था में कोरोना वायरस के कारण और भारी गिरावट देखने को मिल रही है। रोजमर्रा की चीजें एक ओर महंगी हो रही है तो वहीं बड़ी-बड़ी कंपनियां बंद होने की कगार पर है। वैसे तो कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया परेशान है लेकिन भारत पर इसका ज्यादा असर दिखाई दे रहा है। पहले से कमजोर अर्थव्यवसथा पर कोरोना से हुए लॉकडाउन के कारण भरतीय मुद्रा में भारी गिरावट देखने को मिली है।

घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी के बीच बुधवार को रुपया 70 पैसे टूटकर 76.34 प्रति डॉलर के अपने अभी तक के सबसे निचले स्तर तक पहुंच गया है। इसका असर भारत में आयात होने वाली चीजों पर पड़ेगा। जिसमें मुख्य रूप से पेट्रोल-डीज़ल और बाहर से आने वाली दवाईयों पर होगा।

कारोबारियों के अनुसार कोरोना वायरस के देश दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर निवेशकों की धारणा कमजोर बनी हुई है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रमुख-परामर्श (पीसीजी) देवर्ष वकील ने कहा कि अन्य एशियाई मुद्राओं के रुख की वजह से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में जोरदार गिरावट आई।