मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी उठापठक के बीच अब कमलनाथ सरकार के लिए राहत के पल सामने आए है। मध्यप्रदेश विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है और इसके साथ ही कांग्रेस को अब बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय और मिल गया है।
विधानसभा स्थगित होने से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गवर्नर को पत्र लिखकर कहा कि भाजपा ने कांग्रेस के 21 विधायकों को बैंगलोर में बंदी बनाकर रखा है और दबाव में वीडियो जारी करवा रही है। ऐसे में फ्लोर टेस्ट करवाना असंवैधानिक होगा।
कोर्ट का रुख कर सकती है भाजपा
विधानसभा स्थगित होना भाजपा के लिए बड़ा झटका है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव समेत भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे है। गोपाल भार्गव ने ताजा बयान में मुख्यमंत्री कमलनाथ से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की मांग तक कर डाली। सूत्रों के अनुसार भाजपा विधानसभा के स्थगन को रोकने और फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।