कोरोना महामारी के बीच मोदी सरकार द्वारा एक प्राइवेट कंपनी से खरीदी गई रैपिड टेस्ट किट में करोड़ों का घोटाला सामने आ रहा है। मीडिया में आई रिपोर्ट्स की मानें तो प्राइवेट कंपनी ने चीन से 245 रुपए की रैपिड टेस्टिंग किट खरीदकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को 600 रुपए प्रति के किट के हिसाब से बेच दी है।
मामले को उठाते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस ने मांग की है कि संकट के समय में मुनाफा कमाने वाली इस कंपनी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, “परीक्षण किटों के आयात पर अराजकता चल रही है और सरकार को बताना चाहिए कि उनके द्वारा क्या कार्रवाई की गई है।”
दरअसल, मुनाफा कमाने वाली इस कंपनी पर आरोप है कि उसने चीन से किट को 245 रुपए में आयात किया। जिसके बाद उसने आईसीएमआर को 600 रुपये प्रति किट के हिसाब से पांच लाख किट की आपूर्ति की। जिससे कंपनी को 18 करोड़ रुपये से ज़्यादा का मुनाफा हुआ।
जिसके बाद ये मामला अदालत भी पहुंचा। जहां कंपनी को इस मुनाफाखोरी के लिए फटकार लगाई गई। जिसके बाद कंपनी 400 रुपये प्रति किट की दर से आपूर्ति करने के लिए तैयार हो गई।
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार से कार्रवाई की मांग की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, “जब समूचा देश कोरोना वायरस आपदा से लड़ रहा है, तब भी कुछ लोग मुनाफा कमाने से नहीं चूकते। इस भ्रष्ट मानसिकता पर शर्म आती है, घिन आती है। हम पीएम मोदी से मांग करते हैं कि इन मुनाफाखोरों पर जल्द ही कड़ी कार्यवाही की जाए। देश उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा।”

