एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में 42480 किसानों -मजदूरों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा है। 2018 के मुकाबले इन आंकड़ों में लगभग 6% की वृद्धि दर्ज की गई है।
एनसीआरबी के मुताबिक 2019 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 10,281 लोगों ने आत्महत्या की, जिसमें 5,957 किसान और 4,324 खेतिहर मजदूर शामिल हैं।
कोरोना के कारण जब देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है तब अकेला कृषि सेक्टर है जो फायदे में है और 3 फीसदी से ज्यादा की दर से विकास कर रहा है। जाहिर है कि अब भी भारत में कृषि क्षेत्र ही है जो अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना हुआ है।
अभिनेता सुशांत की मौत पर इतना हंगामा करने वाली मीडिया किसानों की आत्महत्या पर चुप क्यों है।