जयपुर । राजस्थान के टोंक में स्थित मालपुरा नगर निगम के चार मुस्लिम पार्षदों ने आरोप लगाया है कि पंचायत के नेता कांग्रेस को वोट नहीं देने पर उनका बहिष्कार कर रहे हैं।
यहां पिछले साल अगस्त में स्थानीय निकाय चुनाव हुए थे। चारों पार्षदों ने टोंक जिला प्रशासन से इस बात की शिकायत करने के साथ अपने-अपने परिवारों के लिए सुरक्षा भी मांगी है।
आपको बता दें कि पिछले साल हुए चुनाव में चेयरपर्सन पद पर बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई थी। वार्ड नंबर 3 से अकरम खान, वार्ड नंबर 4 नजमा बानो, वार्ड 16 अलमाउल हक और वार्ड 19 से जीते मोहम्म शकीर ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखा है कि लोगों ने उन्हें चुनाव में जिताया।
लेकिन इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पंचायत बुलाई और चेयरपर्सन (मालपुरा नगर पालिका) पद के लिए कांग्रेस कैंडिडेट को वोट देने का दबाव बनाया।
जब पार्षदों ने इससे इनकार किया तो पंचायत ने उन्हें पांच साल के लिए समुदाय से बाहर कर दिया और 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगा दिया। चारों पार्षदों ने कहा कि कुछ लोग उनके परिवार के खतरा बन गए हैं, जिसकी वजह से उन्हें मालपुरा के बाहर रहना पड़ा रहा है। चारों पार्षदों ने पत्र में कलेक्टर से पूरे मामले की कानूनी कार्रवाई की मांग की है, ताकि उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर रेखा गुप्ता से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने शिकायत मिलने की बात को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, ‘मैं अभी टोंक में नहीं हूं। अगर हम इस मामले में कुछ कर सकते हैं तो जरूर करेंगे।’ पंचायत की ओर से पार्षदों को एक पत्र भी भेजा गया है।
इसमें लिखा गया है कि चारों पार्षदों को तीन दिन के भीतर इस्तीफा दे देना चाहिए और इन पर 10,000 रुपए का जुर्मान लगाया जाता है। दूसरी ओर कांग्रेस भी चारों पार्षदों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कर रही है। उसका कहना है कि ये चारों कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन पार्टी कैंडिडेट को वोट नहीं दिया।
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