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तुर्की में सेना ने तख्तापलट की कोशिश की है जिसे नाकाम कर दिया गया है। सेना और आम लोगों के बीच हुई झड़प में कई लोग मारे गए हैं। एयरपोर्ट सहित कई जगहों पर विद्रोही सेना कब्जा कर लिया है। सेना ने दावा किया है कि उसने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। हालांकि प्रधानमंत्री बिनअली यिलदरिम का बयान आया कि सैन्य तख्तातलट की कोशिश नाकाम कर दी गई है।
इन सब अस्थिरता के बीच आम जनता भी सड़क पर उतर आई और इसका विरोध किया। इस पर सेना ने इस्तांबुल में भीड़ पर गोलियां दागीं, जिसमें कई लोग मारे गए। संसद के बाहर टैंकों की आवाजाही हो रही है और आसमान पर हवाई जहाज मंडरा रहे हैं। तुर्की की स्टेट मीडिया ने कहा है कि विद्रोही सेना के 754 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सेना के एक गुट ने इस तख्तापलट को अंजाम दिया है। सेना के हमले में करीब 60 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले में मारे गए 43 लोगों की पहचान आम नागरिकों के रूप में हुई है। इनकी जान सेना की गोलियों से गई है, वहीं पुलिस मुख्यालय पर सेना के हमले में 17 पुलिस अधिकारी मारे गए हैं।
तख्तापलट की इस कोशिश के दौरान बागी फौजियों ने लड़ाकू विमानों पर कब्जे कर लिए और उनसे शहर के ऊपर उड़ान भरी। यही नहीं, सेना के टैंकों ने पूरे देश में चहलकदमी की और इस्तांबुक एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण शहरों पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया।
राष्ट्रपति के आह्वान के बाद भारी संख्या में आम नागरिक सड़कों पर उतर और सेना को लगातार झड़पों में हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि सेना ने सीधे तौर पर आम लोगों पर हमले नहीं किए, वर्ना स्थिति भयावह हो सकती थी। राष्ट्रपति ने बाद में बयान दिया कि तख्तापलट की कोशिशें नाकाम कर दी गई हैं और इससे संबंधित 120 सैन्य अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि हम जल्द हवाई सेवा शुरू कर देंगे। अंकारा में कुछ मुश्किलें हैं लेकिन हम जल्द ही एयरपोर्ट से सेवा शुरू कर देंगे। मैं सभी नागरिकों का धन्यवाद करता हूं, मैं उनके साथ हूं।