उत्तरपुस्तिका की कॉपी न देने पर विश्वविध्यालय प्रशासन को लगी फटकार

मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग ने परीक्षार्थियो को उत्तरपुस्तिका की प्रति देने से इनकार करने पर विक्रम विश्वविध्यालय को कड़ी फटकार लगाई है। मामले पर नाराजगी जताते हुए आयोग ने विश्वविध्यालय के कुलपति और कुलसचिव को 10 दिसंबर को आयोग के समक्ष पेश होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट और सूचा आयोग के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद विश्वविध्यालय प्रशासन ने परीक्षा देने वाले छात्रों को उत्तरपुस्तिका की प्रति देने से इनकार कर दिया था। जिसकी शिकायत कई परीक्षार्थियों और पत्रकार कैलाश सनोलिया ने राज्य सूचना आयोग में की थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने विश्वविध्यालय के कुलपति व कुलसचिव द्वारा कारण बताओ नोटिस जोरी किया था। जिसपर दिए गए जवाब को आयोग ने अमान्य कर दिया।

तितिक्षा शुक्ला की अपील पर पारित आदेश में सूचना आयुक्त ने कहा कि उत्तरपुस्तिका की प्रति देने के संबंध में आयोग द्वारा विश्वविध्यालय के समक्ष समूची विधिक स्थिति स्पष्ट की जा चुकी है । इसके बावजूद विश्वविध्यालय ने परीक्षार्थियों को उत्तरपुस्तिका की प्रति देने से इनकार कर दिया था। जिसपर आयोग ने विश्वविध्यालय के कुलपति को फटकार लगाई और चेतावनी देते हुए कहा कि सूचा आयोग के आदेशों में उल्लेखित निर्णयों का सम्मान करें और भविष्य में किसी भी परीक्षार्थी को उसकी मूल्यांकित उत्तरपुस्तिका की प्रति देने से इंकार हरगिज न करें। इसके साथ ही परिक्षार्थियों को उनकी उत्तरपुस्तिका की प्रति मुहैया कराने के लिए लोक सूचना अधिकारी को सुस्पष्ट निर्देष जारी करें और इस संबंध में कृत कार्यवाही से आयोग को जल्द से जल्द अवगत कराएं। आदेश में चेतावनी देते हुए आयोग ने कहा कि यही ऐसा नही हुआ तो विश्वविध्यालय के विरुद्ध धारा 20 (2) के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी ।

बता दें कि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 22 के अनुसार अगर इस कानून को सर्वोपरि प्रभाव हासिल है। यदि कोई और कानून या प्रावधान का सूचना के अधिकार अधिनियम से टकराव होता है तो ऐसी स्तिथि में उन कानून या प्रावधान की जगह सूचना का अधिकार अधिनियम मान्य होगा। देश की सर्वोच्च अदालत ने भी एक मामले में सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट किया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 22 के अनुसार, अधिनियम के प्रावधान सर्वोपरि होने के कारण परीक्षा लेने वाले संसथान अपने किसी भी नियम के कारण परीक्षार्थी को उनकी उत्तरपुस्तिका देखने से मन नही कर सकते। साथ ही अगर परीक्षार्थी उत्तरपुस्तिका की प्रति मांगता है तो उसे वो भी उपलब्ध करवाई जनि चाहिए।

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