देश में कोरोना वायरस का कहर अभी भी जारी है और इस बीच वैक्सीनशन पर अधिक जोर दिया जा रहा है। देश में अभी कोवैक्सीन या कोविशील्ड वैक्सीन लगाई जा रही है। रूस में निर्मित स्पूतनिक V के टीके भी बाजार में जल्दी ही उपलब्ध हो जाएंगे। इसके अलावा कोरोना की एक और वैक्सीन बाजार में आने वाली है जिससे कोरोना से लोगों को काफी राहत मिल सकती है।
दरअसल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अधिकारियों के कहा कि कोरोना की दवा 2 डीजी की 10,000 खुराक का पहला खेप अगले सप्ताह से बाजार में उपलब्ध हो जाएगा। ये दवा कोरोना के मरीजों को जल्द ठीक करती है और उसके साथ साथ उनकी ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करती है।
बता दे कि डीआरडीओ के निर्माताओं ने कहा है कि दवा निर्माता अपने उत्पादन पर तेजी लाने पर काम कर रहे हैं जिससे भविष्य में कोई परेशानी ना हो। आपको बता दें कि इस दवा को डीआरडीओ की एक टीम ने विकसित किया है। संकट के इस समय में वरदान मानी जा रही इस दवा को तैयार करने के पीछे तीन वैज्ञानिकों की मेहनत रही है जिनमे डॉ. सुधीर चांदना, डॉ. अनंत नारायण भट्ट और डॉ. अनिल मिश्रा शामिल है।
2-डीजी (2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज) दवा को ऐसे समय मंजूरी मिली है जब भारत कोरोना वायरस की महामारी की दूसरी लहर से घिरा हुआ है और देश के स्वास्थ्य अवसंरचना पर भारी दबाव है। खास बात यह है कि यह दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोलकर पीना होता है।
इस दवा को लेकर रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि कोविड-19 की चल रही दूसरी लहर की वजह से बड़ी संख्या में मरीजों को ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। इस दवा से अधिक लोगों के बचने की उम्मीद है क्योंकि यह दवा संक्रमित कोशिकाओं पर काम करती है। यह कोविड-19 मरीजों के अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि भी कम करती है।