जस्टिस काटजू ने महात्मा गांधी को कहा ‘FAKE’, गांधी के वजह से नहीं हुआ देश आज़ाद

NewBuzzIndia:  अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्केंडय काटजू ने गांधी जंयती पर महात्मा गांधी को लेकर विवादित पोस्ट कर दिया है। फेसबुक पर काटजू ने पोस्ट में लिखा- कौन सही है- गांधी या भगत सिंह और सूर्य सेन? जब 1938 में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री नेविले चेम्बरलिन जर्मनी से म्यूनिख समझौता करके लौटे थे तो विपक्ष के नेता विस्टन चर्चिल ने कहा था कि आपके पास युद्ध या अपमान में से विकल्प चुनने का अधिकार है और आपने अपमान चुना।
तो भारतीयों, आपको फेक महात्मा गांधी और असली फ्रीडम फाइटर भगत सिंह और सूर्य सेन में चुनने को विकल्प दिया गया था। आपको एक वास्तविक स्वतंत्रता संग्राम के बीच एक स्वतंत्रता सेनानी को चुनने का विकल्प दिया गया। एक ऐसा स्वतंत्रता सेनानी जो कि हमेशा सशस्त्र संघर्ष की बात करता हो क्योंकि बिना सशस्त्र लड़ाई के कोई अपना साम्रज्य नहीं देता है। कोई शंका नहीं ही इसमें लाखों देशवासी मारे गए। जिन्होंने भारत की वास्तविक स्वतंत्रता का नेतृत्व किया और एक समृद्ध देश का निर्माण किया। वहीं एक नकली स्वतंत्रता संग्राम, जिसमें खूनखराबे से परहेज किया गया, जिसमें भारत ने भीषण गरीबी, भीषण बेरोजगारी इत्यादि का नेतृत्व किया। आपने (भारतीयों) भगत सिंह और सूर्या सेन के सम्मानजनक रास्ते की जगह गांधी के अपमानमजनक रास्ते को चुना।

बहुत से लोगों का कहना है कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत की ओर से ब्रिटिशों के खिलाफ अपनाया गया हिंसक तरीका गलत था। जिसका भगत सिंह, सूर्य सेन, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरू, राम प्रसाद बिस्मिल इत्यादि ने वकालत की थी। लोगों का कहना है कि गांधी का गैर हिंसक तरीका सही है। मैं इस बात से पूरी तरह से असहमत हूं। पहली बात, क्या साम्राज्यवादी किसी की भूख हड़ताल, नमक यात्रा और रघुपति राघव राजा राम गाने की वजह से अपना विशाल साम्राज्य छोड़ सकते थे। भारत को स्वतंत्रता गांधी जी की वजह से नहीं मिली बल्कि द्वितीय विश्व युद्ध के कारण मिली। जिसमें जर्मनी ने इंग्लैंड पर हमला करके उसे कमजोर कर दिया था। जिसके बाद उन्हें अमेरिकियों की मदद की जरुरत पड़ी। अमेरिका ने मदद के बदले ब्रिटिशों पर भारत छोड़ने का दबाव डाला क्योंकि भारत निवेश के नजरिए से खुला बाज़ार था।  अगर उनके रास्ते पर हम चलते तो भारत को कभी आजादी नहीं मिली होती। स्वतंत्रता संग्राम के लिए सशस्त्र संघर्ष जरूरी है।

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