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सुब्रमण्यम स्वामी की बयानबाज़ी औरारोपों का सिलसिला इस कदर बढ़ गया है कि अब वो अपने बयानों के धार पर प्रधानमंत्री को
भी उतार दे रहे हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ना तो अब संघ के काबू में हैं ना भाजपा के। तमाम अधिकारीयों और नेताओं पर हमले को ले कर जब प्रधानमंत्री से जवाब माँगा गया तो प्रधानमंत्री ने इस पुरे घटनाक्रम को “पब्लिसिटी स्टंट” करार दिया। प्रधानमंत्री बिना स्वामी का नाम लिए उन्हें नसीहत दे डाली। मोदी ने कहा कि अगर कोई समजता है की वो सिस्टम से ऊपर है तो वो गलत है, ऐसी पब्लिसिटी स्टंट से देश का नुकसान होगा।
बुधवार को स्वामी ने Twitter के जरिए कहा कि पब्लिसिटी उनका पीछा करती है। उन्होंने ट्वीट किया, ”नई समस्या: जब एक राजनेता के पीछे पब्लिसिटी पड़ती है। घर के बाहर 30 ओवी वैन खड़ी हैं, चैनल्स और पपाराजियों से 200 मिस्ड कॉल्स आई हैं।”
एक वेबसाइट की माने तो स्वामी काफी दिनों से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ संपर्क में हैं। स्वामी जयराम रमेश के साथ लगातार संपर्क में हैं, दोनों के बीच काफी बातें हो रही हैं। जयराम रमेश कांग्रेस के नेताओं को ये कह के सांत्वना दे रहे हैं कि, जल्दी ही स्वामी कांग्रेस में होंगे और सब मिल के केंद्र सरकार पर निशाना साधेंगे। रमेश आगे कहे कि भाजपा में पड़ी फूट का कांग्रेस जम के मजा ले रही है।
सुब्रमण्यम स्वामी के बड़बोलेपन पर भड़के मोदी, कहा ‘सब पब्लिसिटी स्टंट है।’
इसी वजह से मंगलवार को जब डॉ. स्वामी ने मीडिया खासतौर से टाइम्स नाउ पर हमला बोला, तो कांग्रेस नेता चुप्पी साधे रहे। पिछले महीने तक स्वामी पर हमला कर रहे कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अब उनकी तारीफ कर रहे हैं।