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अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर अस्सद्दुदीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह को मौलाना से संबोधित कर के एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। हालांकि अब तक विपक्षी दलों से इस पर प्रतिक्रिया नहीं मिली है पर यह देखना दिलचस्प होगा की इस संबोधन को भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी कैसे लेते हैं।
हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि मौलाना नरेंद्र मोदी और मौलाना मुलायम सिंह यादव के बीच में फंस गए हैं। यह बात उन्होंने एक इंटरव्यू में कही। उनसे पूछा गया था कि वे यूपी में ‘मौलाना’ मुलायम सिंह यादव से कैसे निपटेंगे ? बता दें कि ओवैसी भी यूपी चुनाव 2017 के लिए अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। वे मुसलमान और दलित वोटों के सहारे अपनी चुनावी नैया पार लगाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर, मुलायम हमेशा से खुद को मुसलमानों के हितैषी के तौर पर पेश करते रहे हैं।
मुलायम से निपटने के सवाल पर ओवैसी ने कहा, ‘देखा जाए तो मैं मौलाना नरेंद्र मोदी और मौलाना मुलायम सिंह यादव के बीच फंस गया हूं। आखिर मोदी खुद को एक बड़े सूफी विचारक समझते हैं। जहां तक हमारी बात है, हम लोगों के पास मुस्लिमों और दलितों की तरक्की की बात लेकर जा रहे हैं। हम समाजवादी पार्टी के उन वादों का पर्दाफाश करेंगे जिनमें उन्होंने कहा था कि झूठे आरोपों में जेलों में बंद निर्दोष मुसलमानों को बाहर निकाला जाएगा। यूपी में कोई तरक्की नहीं हुई है।’