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उत्तर प्रदेश के दादरी कांड में विवाद कम होता नहीं दिख रहा है। पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट में पाया गया कि अकलाख के घर में गाय नहीं बल्कि बकरी का मांस था। एक साल बाद रिपोर्ट बिलकुल उलट आई कि नहीं वो गाय का ही मांस था। जिसके वजह से हिंदूवादी संगठनों ने अकलाख के परिवार को मिली मुआवजे की राशि को वापस करने की मांग करने लगे। कोर्ट ने भी यह आदेश दिया कि अकलाख मुआवजे की राशि वापस कर दे।
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ऐसे में मोहम्मद अकलाख के बेटे ने यह आरोप लगाया कि मथुरा की लैब में टेस्ट करने के लिए जो मीट भेजा गया था उसे वहां भेजे जाने से पहले ही बदल दिया गया था। इस सिलसिले में वह बुधवार को यूपी के डीपीजी जावेद अहमद से मिल सकते हैं। जावेद से मिलकर सरताज उस मीट को देखना चाहते हैं जिसका सैंपल लैब में भेजा गया था। सरताज ने आगे कहा कि वह अपने पिता अखलाक और परिवार के बाकी 6 लोगों पर दर्ज FIR के खिलाफ अपील करने के लिए इलाहबाद हाई कोर्ट जाएंगे। उनके परिवार पर FIR 14 जुलाई को दर्ज हुई थी जिसमे गोहत्या और पशु क्रूरता का मामला दर्ज किया गया है।
वहीं अखलाक के परिवार के वकील मोहम्मद असद हयात ने कहा कि अकलाख के घर से जब्त की गई मीट के साथ छेड़छाड़ किया गया है। उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने बॉक्स जब्त करते वक्त उसे सील नहीं किया था। जब उसे जिले के पशु चिकित्सा विभाग में भेजा गया था तो रिपोर्ट में आया था कि वह मटन है। डिपार्टमेंट ने प्लास्टिक के बॉक्स में पुलिस को मीट सौंपा और पुलिस ने एक बर्तन में उसे मथुरा लैब भेजा था।’