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जेनयू विवाद से देश में अपनी पहचान बनाने वाले जेनयू छात्र नेता उमर खालिद ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उमर ने आतंकी बुरहान को क्रांतिकारी का दर्जा दे दिया।
उम्र ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि, “अगर कोई मेरी बंदूक उठाता रहे और गोली चलता रहे तो मुझे मरने की कोई चिंता नहीं। यह चे ग्वेवारा के शब्द थे लेकिन बुरहान वानी के भी हो सकते थे। बुरहान को मौत का डर नहीं था, उसे पराधीन होकर जीने का डर था। उसने इससे नफरत की। वह एक आजाद व्यक्ति के रूप में जिया और उसी तरह से मरा। भारत राज्य अधिग्रहण अपराध है। जो अपने डर को खत्म कर दे उसे आप कैसे हरा पाएंगे?”
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उमर खालिद का ये पोस्ट कई तरह से सवालों के घेरे में है। जो व्यक्ति खुले तौर पर गोली चलाते हुए लोगों की जान लेने की कोशिश किया। जिसने सेना पर भी हमला किया उसके पक्ष में या उसके समर्थन में आ कर कोई भी अमनपसंद इंसान उसे आतंकी ना कहते हुए क्रांतिकारी का दर्जा कैसे दे सकता है!!
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हाल में कश्मीर घाटी में हुए आतंकी हमले के जवाब में सेना के तरफ से हुई कार्यवाही में मारे गए आतंकी बुरहान वानी के समर्थन में आज हज़ारों लोग दिख रहे हैं। जब मृत शरीर को दफ़नाने के लिए ले जाया जा रहा था तब हज़ारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े, कई जगहों पर भीड़ हिंसक भी हो गई।