‘क्या खाना है’ के बाद ईश्वर भी तय कर रहा है संघ, कहा ‘ओणम पर महाबलि को पूजना गलत।’


NewBuzzIndia:   अगले सप्‍ताह केरल में ओणम मनाया जाना है। इससे ठीक पहले राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ(आरएसएस) की मैगजीन ने इस त्‍योहार को मनाए जाने के पीछे की वजह पर फिर से ध्‍यान देने को कहा है। आरएसएस के मलयालम मुखपत्र ‘केसरी’ के एक लेख में कहा गया है कि असुर राजा महाबली के बजाय ओणम में भगवान विष्‍णु के वामन अवतार को पूजना चाहिए। सरकारी संस्‍कृत कॉलेज के संस्‍कृत के प्रोफेसर उन्‍नीकृष्‍णन नंबूतिरि ने अपने लेख में लिखा कि पुराणों में बहुत कम ऐसे प्रमाण हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि ओणम महाबली के स्‍वागत में मनाया जाता है। जिस तरह से महाबली को दिखाया जाता है उस तरह के उनके तोंद और लंबी मूंछे नहीं थी। हिंदी ऐक्‍य वेदी की प्रेसीडेंट केपी शशिकला ने कहा, “वामन विष्‍णु का अवतार थे। पुराणों में बताया गया है कि महाबली भी विष्‍णु की पूजा करते थे। इसलिए ओणम विष्‍णु की अनदेखी करने का अवसर नहीं है। उन्‍हें स्‍वतंत्रता सेनानी के रूप में देखना चाहिए जिन्‍होंने केरल को साम्राज्‍यवादी ताकत(महाबली) से आजाद कराया।”

 कांग्रेस नेता वीटी बलराम ने आरएसएस पर जबरदस्त हमला करते हुए कहा कि ओणम को नया रूप देना इस त्‍योहार को साम्‍प्रदायिक रंग देने का प्रयास है। ‘केसरी’ के इस महीने के कवर पर भी वामन अवतार की फोटो प्रकाशित की गई है। इस बारे में केरल भाजपा अध्‍यक्ष कुमानम राजशेखरन ने कहा कि केसरी में छपा यह लेख भाजपा या आरएसएस का आधिकारिक स्‍टैंड नहीं माना जा सकता।

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