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कैराना में हिंदुओं के कथित पलायन को लेकर काफी बवाल मचा था। कुछ लिस्ट सामने आई थी जो बाद में गलत भी साबित हुई। कुछ यही हालात अब अलीगढ़ में भी पैदा हो रहे हैं।
असल में अलीगढ़ में दो समुदायों के बीच झड़प के बाद आरोप है कि एक पक्ष के लोगों ने अपने घरों और दुकानों के बाहर बिकाऊ संपत्ति होने के बोर्ड टांग दिए हैं। अलीगढ़ में इस बोर्ड पर लिखा है कि जान है तो जहान है, ये दुकान बिकाऊ है।
जिन घरों के आगे ऐसे बोर्ड टंगे हैं वो हिंदुओं क्र बताए जा रहे हैं। खबर ऐसी है कि छेड़छाड़, लूट और मारपीट की घटनाओं से तंग आ कर कुछ हिन्दू परिवारों ने यहाँ से पलायन कर लिया है। जैसी की रिपोर्ट मिली है, बुधवार की रात बाबरी मंडी इलाके में एक महिला से छेड़छाड़ की गई। विरोध पर उसके परिवार पर पत्थरों से हमला किया गया। इससे वहां बहुत हंगामा हुआ। पुलिस पर भी अपराधियों को बचाने का आरोप लग रहा है।
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मामले की गंभीरता को समझते हुए मामला और ना गरमाए इसलिए पुलिस ने सभी दुकानों से माकन बिकाऊ होने का बोर्ड हटवा दिया। आरोप है कि सरकार के दबाव में पुलिस समुदाय विशेष के लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। बाबरी मंडी के स्थानीय निवासी ने बताया कि यहां के हालात इतने भयावह है कि स्कूल की जो बच्चियां जाती है उनपर छींटाकशी होती है। लोगों का आरोप है कि पुलिस जबरदस्ती मकान और दुकान बिकाऊ हैं के बोर्ड हटवा रही है ताकि मामला ज्यादा न गरमाए।
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पुलिस इसे मामूली छेड़छाड़ का मामला बताकर आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कह रही है। पुलिस ने माना है कि इस वजह से इलाके में तनाव पैदा हुआ है। इस पूरे मामले पर अपना पक्ष साफ़ रखने के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी एक दूसरे को कोस रहे हैं।
सवाल ये है कि क्या अलीगढ़ में भी कुछ वैसा ही माहौल बन रहा है। क्या ये चुनाव को सामने देख ये सब किसी खास मकसद से किया जा रहा है।
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