मध्य प्रदेश(madhya pradesh) में कोरोना(corona) की दूसरी लहर ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। हालात ऐसे है कि कोरोना से हुई मौतों की वजह से भोपाल(bhopal) के कब्रिस्तान और शमशान घाट में जगह कम पड़ रही है। भदभदा विश्राम घाट(bhadbada vishram ghat) पर पहली बार गुरुवार को 36 शव अंत्येष्टि के लिए लाए गए थे। हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से 31 शव कोरोना मृतकों के थे। भदभदा विश्रामघाट के संचालक ने बताया कि भोपाल गैस कांड(bhopal gas tragedy) के दौरान भी एक दिन में 24 शवों ही आए थे लेकिन कोरोना ने उसका भी रिकॉर्ड तोड़ दिया।
भदभदा विश्राम घाट के अध्यक्ष अरुण चौधरी ने शवों के अंतिम संस्कार के लिए आरक्षित सभी जगह भर जाने के कारण विधुत शवदाह गृह के कैंपस को वैकल्पिक स्थान के रूप में चयन किया है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जब कोरोना का कहर अपने चरम पर था तब भी कोरोना मृतकों के एक दिन में 10 से 12 शव ही आए थे।
गुरुवार को इतनी संख्या में शव आने की वजह से देर रात तक भदभदा में चिताएं जलती रही। इतना ही नहीं बल्कि शाम को 8-10 शव और आए थे, लेकिन उन्हें रात होने की वजह से मना कर दिया जिन्हें अब शुक्रवार यानी आज जलाया जाएगा।
अरुण चौधरी ने बताया कि शवाें के साथ आए परिजनों को भदभदा विश्राम घाट में मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान ना होना पड़े इसलिए अगले दो से तीन दिन में भदभदा प्रबंधन 30 नए चिता स्थलों का निर्माण करेगा।