सागर में धर्मांतरण का मामला आया सामने ! जांच में हुए बड़े खुलासे

मध्य प्रदेश के सागर में ईसाई मिशनरी सेंट फ्रांसिस सेवाधाम आश्रम से बच्चों का धर्म परिवर्तन करने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस मामले की जानकारी देते हुए कहा कि आश्रम में दाखिले के समय एक लड़की का नाम हिन्दू था और अब जब वह बालिग हो चुकी है तो उसका नाम क्रिश्चियन हो गया है।

बताया जा रहा है कि सेंट फ्रांसिस सेवा धाम आश्रम के खिलाफ राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को शिकायत मिली थी। जिसके बाद बाल संरक्षण आयोग की चार सदस्यों की टीम मंगलवार को सेवाधाम आश्रम पहुंची।

जांच के बाद बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि सेवाधाम की जांच में बहुत सी खामियां मिली। जिसमें आश्रम में तीन अलग-अलग प्रकार के संस्थान चालू मिले है। सबसे ज़्यादा अनिमितता बालक और बालिका छात्रवास में मिली है। एक ही छात्रावास में लड़के और लड़कियों को रखा गया था। साथ ही एक पंजीयन पर दो संस्थान चल रहे थे।

आगे कहा कि बाल गृह में बड़ी उम्र के बच्चे भी छोटे बच्चे के साथ रह रहे थे। बच्चे कई सालों से यहां रह रहे थे। इनके परिवार के संबंध में इनके पास कोई भी पुख्ता जानकारी नहीं है। एक बच्चे से उसके परिवार के बारे में पूछने पर उसके पास पूरी जानकारी थी और उसको अपने घर का पता भी मालूम था।

वहीं आश्रम के रजिस्टर में चेक करने पर पाया गया इस बच्चे से संबंधित कोई भी जानकारी इनके पास नहीं थी। बच्चों को कई वर्षों से यहां रखा गया है, जबकि बच्चों के मां-बाप को ढूंढ कर उनको उनके मां-बाप को सौंप देना चाहिए।

प्रियंक ने बताया कि सेंट फ्रांसिस सेवाधाम में विदेशों से डॉलर के रूप में उगाही की जानकारी मिली है। जो बच्चों की फोटो भेजकर स्पॉन्सरशिप के नाम पर लिए गए हैं। ऐसे दस्तावेज भी मिले जो न तो हिंदी में हैं और न ही अंग्रेजी में। कुछ मलयालम भाषा के हैं तो कुछ लैटिन भाषा में दस्तावेज मिले हैं।

इसके अलावा निरीक्षण के दौरान एक कमरे से शराब की बोतलें भी मिली हैं। खेती से होने वाली पैदावार व अनाज बच्चों के कमरे में ठूंसा गया था। यह जांच का विषय है कि इनसे कहीं बालश्रम तो नहीं कराया जा रहा।

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