भोपाल का प्यारे मिया यौन शोषण केस ने पिछले साल उत्तर प्रदेश में हुए हाथरस दुष्कर्म की तरह मोड़ ले लिया है। जिस प्रकार से हाथरस में पीड़ित बच्ची और परिजनों के साथ पुलिस और प्रशासन ने बेरहमी की थी, उसी तरह भोपल में भी प्यारे मियां यौन शोषण केस मामले में पीड़ित बच्ची और उसके परिजनों के साथ बेरहमी हुई है।
नींद की गोली खाने से पीड़ित बच्ची की बुधवार को मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद गुरुवार को दिन में 2:15 बजे भोपाल पुलिस की निगरानी में बच्ची के शव को घर भेजने की जगह सीधे भदभदा विश्राम घाट लेजाया गया और बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
प्यारे मियां द्वारा प्रताड़ित की गई पांच नाबालिग बच्चियां बाल संप्रेषण गृह में सुरक्षा के लिहाज से अक्टूबर 2020 से रखी गई थी। उन्हीं मे से एक नाबालिग बालिका को नींद की गोली खाने या खिलाए जाने से मौत हो गई। गुरुवार को मृतका का पोस्टमार्टम होना था, और उसी कारण सुबह 9:00 बजे से ही भारी संख्या में हमीदिया अस्पताल में पुलिस बल तैनात रहा।
बच्ची की माँ और परिजन घर पर अपनी बेटी के शव आने का इंतज़ार कर रहे थे। मर्चुरी में पीड़िता के चाचा और पिता ने शव घर ले जाने की जिद की। लेकिन पुलिस परिजनों को बच्ची का शव सौंपना ही नहीं चाहती थी और फिर प्रशासन ने बच्ची का शव सीधे भदभदा विश्राम घाट ले जाने के निर्देश दिए। जिसके बाद नाबालिग का शव भदभदा विश्राम घाट ले जाया गया और उसका अंतिम संस्कार किया गया।
विश्राम घाट पर पुलिस ने खुद से ही अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी कर रखी थी। रिश्तेदार लगातार पुलिस से गुहार लगाते रहे कि इतनी जल्दबाजी न करे लेकिन पुलिस ने किसी की एक नही सुनी। महिला रिश्तेदारों ने दो बार अर्थी नहीं तैयार करने दी, लेकिन क्राइम ब्रांच की टीम ने इसे फिर से तैयार करी।
पीड़िता की मां ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। मां का आरोप है कि महिला थाना प्रभारी अजिता नायर, बाल कल्याण समिति के कृपा शंकर चौबे और बालिका गृह की अधीक्षिका अंतोनिया ने उनकी बेटी को जबरदस्ती नींद की गोली खिलाई है।
मां ने आरोप लगाए है कि उनकी बेटी अस्पताल में तड़पती रही लेकिन उन्हें उनकी बेटी से मिलने नहीं दिया गया। हम अपनी बेटी की शादी के सपने देख रहे थे और हमारे सपने ही उजड़ गए। मां ने कहा बेटी को रीति-रिवाज के साथ विदा नहीं कर पाए।

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने घटना की निंदा करते हुए शर्मनाक बताया है। कमल नाथ ने ट्वीट कर लिखा है, ‘बेहद निंदनीय, बेहद शर्मनाक है। शिवराज सरकार में भांजियाँ कही भी सुरक्षित नहीं? प्रदेश की राजधानी में यौन शोषण की शिकार मासूम बच्चियाँ बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं ? कितनी अमानवीयता, मृत पीडिता को उसके घर तक नहीं जाने दिया,
उससे अपराधियों जैसा व्यवहार?

कमल नाथ ने आगे लिखा कि, ‘उसके परिवार को अंतिम रीति- रिवाजों से भी वंचित किया गया, यह कैसी निष्ठुर व्यवस्था ? कहाँ है ज़िम्मेदार ? प्रदेश को कितना शर्मशार करेंगे ?
मामला बेहद गंभीर, मामले की सीबीआई जाँच हो, बाक़ी बालिकाओं को भी पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए। उनके इलाज की भी समुचित व्यवस्था हो। दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।