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राष्ट्रीय स्वयं संघ की सम्बद्ध संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार के एफडीआई के नियमों में ढील देने के फैसले की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यह देश की जनता के साथ विश्वासघात है और इसका प्रभाव स्थानीय कारोबारियों के लिए यह ठीक नहीं होगा। मोदी सरकार की कुछ आर्थिक नीतियों के आलोचक रहे स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि भाजपा नीत सरकार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) पर वही नीति अपना रही है जो पिछली सरकारों ने अपनाई और इसका रोजगार सृजन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने से कहा, ”खुदरा, रक्षा और फार्मा जैसे क्षेत्रों को एफडीआई के लिए खोलना और नियमों में ढील देना देश की जनता के साथ विश्वासघात है। ऐसा करके इस सरकार ने सामान्य तौर पर देश के साथ और विशेष रूप से स्थानीय कारोबारियों के साथ अच्छा नहीं किया है।” नीति की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली सरकार को सिंगल-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में नियमों में ढील देने के मामले में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था और दुर्भाग्य की बात है कि राजग सरकार ने भी ऐसा ही किया है।
महाजन ने आरोप लगाया कि इस सरकार के साथ दिक्कत यह है कि यह पिछली सरकार की तरह की सोच के साथ काम करती है और उसे लगता है कि विकास और रोजगार सृजन केवल एफडीआई के साथ ही संभव है। उन्होंने दावा किया, ”जबकि अब एफडीआई नीति अपनाने से देश में रोजगार सृजन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इस नीति का उद्देश्य रोजगार सृजन करना नहीं, बल्कि भारतीय लोगों से नौकरी छीनना है।”
गौरतलब है कि केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह एलान किया कि केंद्र सरकार ने उड्डयन, रक्षा समेत कई क्षेत्रों में एफडीआई की सीमा को बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है।