Newbuzzindia: एक तरफ जहां गृहमंत्री पाकिस्तान को लताड़ कर आये है तो वहीं दूसरी तरफ देश के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी चीन को उसकी औकात याद दिलाई है और साफ़ कर दिया की चीन की इतनी औकात नही है कि वह मोदी सरकार में भारतीय सीमा में सड़क का निर्माण कर सके। यह बात पर्रिकर ने लोकसभा में सभी से साझा की।
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि पिछले दो साल में चीन ने भारतीय सीमा में किसी भी सड़क का कोई निर्माण नहीं किया है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया था। जिसके जवाब में उन्होंने साफ किया कि चीन ने हमारे क्षेत्र में ऐसा कुछ नहीं किया है। मनोहर पर्रिकर ने बताया कि हमने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों की पहचान की है जहां सड़क बनाई जाएगी।
रक्षा मंत्री ने इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई के भारत-चीन बार्डर पर बसे गांवों में बेहतर डिजिटल ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध कराने के सुझाव का भी स्वागत किया। गोगाई ने इस इलाके में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का सुझाव दिया है। जाहिर है कि अगर भारत-चीन सीमा पर भारत की ओर से सड़क निर्माण पूरा कर लिया गया तो सामरिक दृष्टि से इसे भारत की जीत माना जाएगा। क्योंकि चीन अपने हिस्से को काफी डेवलप कर चुका है। जहां उसकी सेना कम समय में ज्यादा गोला बारुद के साथ आसानी से पहुंच सकती हैं।
रक्षा मंत्री ने सभी को दी ये जानकारियां- रक्षा मंत्री के अनुसार भारत-चीन सीमा पर कुल 73 महत्वपूर्ण मार्ग है। जिनमे से 61 मार्गो की 3417km की सड़कें बनाने की जिम्मेदारी बीआरओ को दे चुके थे, जिसमे से 22 मार्गो का काम हो चूका है। शेष 39 मार्गों के निर्माण के 2018 से 2020 के बीच हो जायेगे।