Newbuzzindia: कोहिनूर हीरे की मुल्क वापसी पर सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार के रुख के बाद सियासी हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ब्रिटिश सांसद ने इसे लेकर नए दावे से सनसनी फैला दी है। इस सांसद ने कोहिनूर पर कैमरन-मोदी में डील का इल्जाम लगाया है।
सियासत के अनुसार भारत सरकार के रुख पर ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सांसद कीथ वॉज ने कहा कि हो सकता है कि कैमरन और मोदी के बीच कोई डील हो गई हो। इंग्लैंड की रानी के 90जन्मदिन पर भारत की तरफ से ब्रिटेन को ये नया गिफ्ट है।
गौरतलब है कि भारतीय मूल के ब्रिटिश एमपी कीथ वाज दुनिया के मशहुर कोहिनूर हीरे को भारत को लौटाने की मांग करते रहे हैं। वाज ने कहा था कि कोहिनूर हीरे जैसी अमूल्य वस्तुओं को नहीं लौटाने के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता। मैंने कई साल तक इस मुहिम का हिमायत किया है।
मध्यकाल में आंध्रप्रदेश के गुंटुर जिले में कोल्लूर खान से कोहिनूर निकाला गया था जिसे एक वक्त दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाता था। असल तौर से इस पर काकतीय राजवंश का मालिकाना हक रहा और उसने इसे एक मंदिर में देवी की आंख के तौर पर इसे कायम किया। इसके बाद यह कई आक्रमणकारियों के हाथों गुजरा और आखिरकार ब्रिटिश शासन में वहां पहुंचा। अब यह हीरा महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताज का हिस्सा है। अभी तक ब्रिटेन इस हीरे को उसके असल मुल्क को लौटाने से मना करता रहा है।
गौरतलब है कि कोहिनूर को भारत वापस लाने की मांग पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि भारत को कोहिनूर हीरे पर दावा नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह न तो ब्रिटेन ने चुराया और न इसे जबरदस्ती ले जाया गया। सोमवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह जवाब दिया। सरकार की ओर से उच्चतम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय का यही विचार है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से छह सप्ताह के भीतर विस्तार से जवाब देने को कहा है। इससे पहले कोर्ट ने 9 अप्रैल को केंद्र से कोहीनूर को वापस लाने पर अपनी स्थिति साफ करने को कहा था। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या इस बात पर सहमति है कि केस को खारिज कर दिया जाए क्योंकि ऐसा होने पर सरकार को भविष्य में दिक्कत हो सकती है। इस मामले में ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस फ्रंट ने याचिका दायर कर रखी है।
बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने 2013 में कोहिनूर वापस देने की मांगों को खारिज कर दिया था। रोचक बात है कि 1850 में डलहौजी के मार्कीज ने पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह को कोहिनूर हीरा क्वीन विक्टोरिया को उपहार में देने को बाध्य किया था। कोहिनूर की कीमत 200 मिलियन डॉलर आंकी जा रही है।
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