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देश के अंदर चाहे कितने भी प्रधानमंत्री मोदी के आलोचक हो, पर इस बात पर तो विरोधियों को भी ऐतराज़ नहीं होगा की मोदी ने विश्व भर में भारत का पक्ष मज़बूती से रखा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को सुधरने और सवारने में मोदी का अथक योगदान रहा है।
आज प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को एक और कामयाबी दिलाई। बातचीत के बाद स्विट्जरलैंड सरकार भारत को NSG मेम्बरशिप दिलाने के लिए राजी हो गयी साथ ही कालेधन पर भी एक दूसरे के सहयोग पर सहमति बनी। प्रधानमंत्री मोदी केवल दो ही वर्षों में दुनिया के पावरफुल नेताओं में गिने जाने लगे हैं, मोदी जहाँ भी जाते हैं वहां पर अपनी छाप जरूर छोड़ते हैं इसके अलावा भारत को एक मजबूत देश की तरह पेश करते हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि एक मजबूत प्रधानमंत्री की वजह से देश भी मजबूत दिखता है। अक्सर देखने में आता है कि दुनिया के ज्यादातर नेता जॉइंट प्रेस स्टेटमेंट में लिखा हुआ भाषण पढ़ते हैं लेकिन मोदी के मामले में ऐसा नहीं है। मोदी अक्सर दिल और दिमाग से बोलते हैं, चाहे वे यूएस की संसद को संबोधित करें, भारत की संसद को संबोधित करें, रैलियों में भाषण दें या राष्ट्र प्रमुखों के साथ जॉइंट प्रेस स्टेटमेंट जारी करें।
आपने देखा होगा कि लिखा हुआ भाषण पढने वाले नेता उतना प्रभाव नहीं छोड़ पाते जिनता प्रभाव बिना देखे बोलने वाले नेता छोड़ते हैं। हम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना नहीं करना चाहते लेकिन वे हमेशा लिखा हुआ भाषण पढ़ते थे और भाषण पढ़ते वक्त एक बार भी ऊपर की तरफ नहीं देखते थे, इससे वे कम विदेश जाते थे, कब आते थे, किसी नेता से क्या बात करते थे, किसी देश से क्या समझौता करते थे, पता नहीं चल पाता था।
लेकिन मोदी के मामले में ऐसा नहीं है, वे जब भी बोलते हैं बिना देखे बोलते हैं और कॉन्फिडेंस के साथ बोलते हैं। आज स्विट्जरलैंड में जॉइंट प्रेस स्टेटमेंट जारी करते वक्त भी ऐसा ही हुआ। स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति जॉन स्नाइडर अम्मान ने लिखा हुआ भाषण पढ़ा जबकि वे अपने ही देश में बोल रहे थे लेकिन मोदी ने सीना तानकर, आँखों में आँखें डालकर बिना देखे हुए अपनी बात कही। मोदी की यही खूबियाँ उन्हें दुनिया में सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार करती जा रही हैं। आप खुद वीडियो देखिये, समझ जाएंगे कि मोदी में कितना कांफिडेंस है।