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जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरीकी कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे तब दुनिया भर की नज़रे उन पर टिकी थी साथ ही साथ इस दौरे से देश के लोगों की उम्मीदें भी लगी हुई थीं।
आइए जाने की प्रधानमंत्री के भाषण के 36 महत्वपूर्ण बिंदु क्या रहे।
1. दोनों देशों के रिश्ते की नई धुन है ये ।
2. लंबे और अच्छे भविष्य के लिए हमें जुड़ना होगा।
3. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं, इसे धर्म से अलग करना होगा।
4. हम बेहतर भविष्य के लिए काम कर रहे हैं।
5. सोलर ऊर्जा के लिए अमेरिका की मदद ज़रूरी।
7. UN शांति मोर्चे में भारत का अहम् योगदान।
8. बिना नाम लिए पाकिस्तान पर साधा निशाना, कहा ‘ भारत के पड़ोस में पनप रहा ऐ आतंकवाद।’
9. आतंकवाद का ख़ात्मा हर हाल में ज़रूरी।
10. सभी को एक साथ मिल कर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की ज़रूरत है।
11. आतंकवाद पर भाषण देने वालों को कड़ा संदेश मिलना चाहिए।
12. भारत के पश्चिमी सिमा से अफ्रीका तक आतंकवाद के कई नाम।
13. आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है।
14. अफगानिस्तान में अमेरिका का रोले काबिल-ए-तारीफ़।
15. एशिया से अफ्रीका तक शांति चाहता है भारत।
16. हिन्द महासागर में भारत अपना रोले निभाने को तैयार।
17. दोनों देशों का जुड़ना ज़रूरी, अलग होने से बात नहीं बनेगी।
18. साईबर आतंकवाद बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है।
19. अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत पसंदीदा जगह।
20. भारत का 7.6% विकास दर दुनिया भर के लिए अवसर।
21. अमेरिका की सामरिक रणनीति के लिए भारत अहम् है।
22. 2022 तक भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।
23. एक अरब लोगों को मिलेगी ब्रॉडबैंड की सुविधा।
24. अमेरिका के विकास में भारतीयों का बहुत बड़ा योगदान है।
25. भारत में सामाजिक- आर्थिक बदलाव का दौर।
26. अमेरिका की ताक़त हमारे लिए गर्व की बात है।
27. हर क्षेत्र के भारतीय अमरीका में मौज़ूद हैं।
28. योग दोनों देशों को जोड़ता है।
29. भारत का सबसे ज्यादा कारोबार अमरीका के साथ।
30. साझा कारोबार से दोनों देशों का फायदा हुआ।
31. नॉर्मन बोरलैंग् की हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
32. हमारे रिश्तें इतिहास के हिचकिचाहट से ऊपर उठ गए हैं।
33. हमारा इतिहास अलग, हमारी मान्यताएँ एक जैसी।
34. अमेरिकी संविधान का असर बाबा साहेब अंबेडकर में दिखा।
35. अमेरिका बुरे वक़्त में भारत के साथ रहा।
36. गांधी जी की अहिंसा ने मार्टिन लूथर किंग को प्रेरणा दी।
प्रधानमंत्री के शानदार उद्बोधन के बाद अमरीकी कांग्रेस में तालियों की गड़गड़ाहट थमने का नाम नहीं ले रही थी। यह उत्साह मात्र औपचारिकता भर के लिए नहीं था बल्कि प्रधानमंत्री के शब्द दर शब्द पर अमरीकी नेताओं की सहमति को भी दर्शा रहा था।
अब देखने वाली बात यह होगी की आने वाले समय में भारत अमेरिका से उन मुद्दों पर कैसे फायदा उठा सकता है जिन पर आज दोनों की सहमति बनी है।