Newbuzzindia: देश में kohinoor हीरे को लेकर छिड़ी बहस के बीच मध्यप्रदेश कैडर के IAS अफसर मनोज श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया के जरिए नई जानकारी दी है। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव श्रीवास्तव ने 1939 के दस्तावेजों के आधार
पर दावा किया है कि Kohinoor हीरा लाहौर के
महाराजा ने इंग्लैंड की महारानी को गिफ्ट नहीं बल्कि
सरेंडर किया था। प्रमुख सचिव की जानकारी के मुताबिक, जिस समय Kohinoor गिफ्ट करने की बात की जा रही है उस समय महाराजा दिलीप सिंह की उम्र 13 साल थी। IAS मनोज श्रीवास्तव के मुताबिक महाराज रणजीत सिंह ने kohinoor को अपनी वसीयत में पुरी के मंदिर को भेंट करने
की जिक्र किया था। जिस वसीयत को ईस्ट इंडिया
कंपनी ने लागू होने नहीं दिया।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि ब्रिटिश हुकूमत ने kohinoor पर न तो कब्जा किया है और न ही उसे चुराया था। बल्कि वो गिफ्ट में ब्रिटेन गया था।