विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा जो सरदार बल्ल्भ भाई पटेल ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity)’ के रूप में तैयार है. आज यानि की 31 अक्टूबर 2018 को सरदार बल्लभ भाई पटेल की 143वीं जयंती भी है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भव्य प्रतिमा का अनावरण कर उन्हे श्रद्धांजलि देते हुए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया. आइये जानते हैं ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के बारे में कुछ ख़ास बातें…

  • यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
  • मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च आया. कंपनी के मुताबिक, कांसे की परत चढ़ाने के आशिंक कार्य को छोड़ कर बाकी पूरा निर्माण देश में ही किया गया है.
  • इस मूर्ति बनाने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने दावा किया कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है.
  • सरदार पटेल की मुख्य प्रतिमा बनाने में 1,347 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 235 करोड़ रुपये प्रदर्शनी हॉल और सभागार केंद्र पर खर्च किये गये.
  • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है. इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है.
  • सरदार पटेल की यह मूर्ति राम वी. सुतार की निगरानी में हुई है. राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. इससे पहले वर्ष 1999 में उन्हें पद्मश्री भी प्रदान किया जा चुका है.
  • इस मूर्ति में दो लिफ्ट भी लगी है, जिनके माध्यम से आप सरदार पटेल की छाती पहुंचेंगे और वहां से आप सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंगे और खूबसूरत वादियों का मजा ले सकेंगे.
  • यह स्टैच्यू 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी स्थिर खड़ा रहेगा. यह 6.5 तीव्रता के भूकंप को भी सह सकता है.
  • इस मूर्ति के निर्माण में भारतीय मजदूरों के साथ 200 चीन के कर्मचारियों ने भी हाथ बंटाया है. इन लोगों ने सितंबर 2017 से ही दो से तीन महीनों तक अलग-अलग बैचों में काम किया.
  • इसके लिए मूर्ति के 3 किलोमीटर की दूरी पर एक टेंट सिटी भी बनाई गई है. जो 52 कमरों का श्रेष्ठ भारत भवन 3 स्टार होटल है. जहां आप रात भर रुक भी सकते हैं.
  • वहीं स्टैच्यू के नीचे एक म्यूजियम भी तैयार किया गया है, जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी जाएंगी.
  • सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस मूर्ति में 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें बरसों तक जंग नहीं लगेगी. स्टैच्यू में 85 फीसदी तांबा का इस्तेमाल किया गया है.
  • 657 करोड़ रुपये निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अगले 15 साल तक ढांचे के रखरखाव पर खर्च किए किए जाएंगे। 83 करोड़ रुपये पुल के निर्माण पर खर्च किये गये.

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति

  • यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है. इसकी लम्बाई 182 मीटर है.
  • दूसरे नंबर पर स्प्रिंग टेंपल बुद्धा-चीन (153 मीटर)
  • तीसरे नंबर यूशिकु दाईबुत्शु-जापान( 120 मीटर)
  • स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी-अमेरिका (93 मीटर)
  • द मदरलैंड कॉल्स -रूस (85 मीटर)
  • क्राइस्ट द रीडीमर-ब्राजील (38 मीटर)
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